9 September 2014

बहुत लाभ होगा यदि देश की घड़ी दो घंटे आगे कर दी जाये तो...

वर्तमान में हमें सफल, स्वस्थ और समृद्ध रहने हेतु प्रकृति का सहयोग नहीं मिल पा रहा है, क्योकि हमारे देश की घड़ी (इंडियन स्टैण्डर्ड टाइम, IST) देश की प्राकृतिक घड़ी के साथ संयोजित नहीं है. 

देश की घड़ी यदि दो घंटे आगे कर दी जाये, यानि कि हमारे देश मे सभी कार्यालय 9 बजे प्रारम्भ होते है यदि उनकी जगह सुबह 7 बजे प्रारम्भ होने लगे, तो हमें बहुत लाभ होंगे. जैसे कि....

सभी कार्यालय 7 बजे खुलेंगे तो कार्यालय पहुँचने के लिए लोगो को सुबह 4-5 बजे उठना होगा. यह समय ब्रह्म मुहूर्त का होता है, इस समय हमारा मस्तिष्क और शारीर दोनों प्रकृति के साथ संयोजित रहते है.
यह समय वात का होने से बड़ी आंत और मलाशय सक्रिय होते है जिससे कब्ज की बीमारी नहीं होगी.

(प्रातः सूर्योदय (प्रथम प्रहर ४ - ८ बजे) में वात, मध्यान (द्वितीय पहर ८ - १२ बजे) में कफ, मध्यान से अपराह्न (१२- ४ बजे) तक पित्त, संध्या के समय (४ - ८ बजे) वात, रात्रि (८ - १२ बजे) में पित्त, प्रथम प्रहर १२ - ४ बजे) से सूर्योदय तक पुनः कफ प्रधान होता है).  

- सूर्योदय के बाद सो कर उठने से शारीर में पित्त प्रकुपित होता है जिससे बुद्धि विकृत होती है.
- उषाः काल का समय कफ का होता है इस समय व्यायाम करने से कफ के कारण आने वाली शारीरिक जड़ता नहीं आती है. 
- सुबह 7 से 10 का समय कफ का होने से मस्तिष्क ठंडा होता है इस कारण इस समय दिनभर का सबसे श्रेष्ठ और सबसे अधिक काम होता है. इस समय काम कि गुणवत्ता अच्छी होती है.


घड़ी दो घंटे आगे करने से दोपहर के भोजन का समय 2  बजे का न होकर 12 बजे का होगा. 
यह समय कफ का समय होने से आमाशय सक्रिय होता है. इसके बाद पित्त का समय होने से छोटी आंत सक्रिय होती है. उस समय तक भोजन छोटी आंत में पहुँचने लगेगा, जिससे भोजन का पाचन ज्यादा अच्छी तरह से होगा.

दोपहर चार बजे कार्यालय बंद होने से लोग संध्या 5-6 बजे तक घर में पहुँच सकेंगे.
यह समय वात का होने से शौच में मदद मिलेगी जो शरीर में विषतत्वों (टोक्सिन) के निर्माण को रोकने की दृष्ठि से बहुत ही उपयोगी है. सूर्यास्त के पहले भोजन कर सकेंगे. सूर्यास्त के पहले किया गया भोजन लाभदायक होता है, इससे तमोगुण व्यक्ति पर हावी नहीं होते और ह्रदय सम्बंदित बीमारिया नहीं होती.

संध्या का समय वात प्रधान होने से मन के अनुकूल होता है. 
यह समय कला के लिए है क्योंकि कला मन को स्वस्थ बनाती है. सभी कार्य शाम 7-8 बजे तक हो जाने से रात 8-9 बजे तक लोग सो सकेंगे सबसे गहरी नींद, कफ काल अर्थात रात 12 बजे के आस-पास ही आती है.

हर शहर में दिन भर जितनी भी बिजली की खपत होती है उसकी आधी खपत शाम के दो घंटो मे होती है क्योंकि उस समय दुकानें खूब जगमगाती है. जब कार्यालय दो घंटे पहले बंद होंगे तो दुकाने भी दो घंटे पहले बंद होगी इससे दुकानों को जगमगाने का प्रचालन ही खत्म हो जाएगा.
यह बिजली की बचत इतनी बड़ी होगी कि छोटे शहरो और गांवो मे बिजली कटौती का सवाल ही पैदा नहीं होगा.

अभी जिस समय प्रकृति ठंडी होती है ऊर्जा से भरपूर और काम करने के अनुकूल होती है उस समय तो कार्यालय खुलते नहीं है पर जब प्रकृति गर्म हो जाती है तथा ऊर्जा क्षीण हो जाती है, तब एसी में बैठकर काम करना कतई ठीक नहीं है.

हम सिर्फ अपनी घड़ी को थोडा सा एडजस्ट कर ले तो प्रकृति का सहयोग प्राप्त किया जा सकता है. स्वास्थ, सफलता और समृधि पाने में प्रकति हमारी सहायता करती है पर हमें उसका सहयोग प्राप्त करने के लिए अपनी घड़ी को प्रकृति के साथ संयोजित करना पड़ेगा.

इस नए साल में सफलता पाने के लिए संकल्प ले कि सूर्योदय से पहले सो कर उठेंगे. अकेला यही संकल्प आपको सफलता के नए आयाम देने में सहायता करेगा.

"NECTAR-The Joy of Learning" ऐसे तरीके खोजने और आपको बताने के लिये कृत-संकल्प है.
  We are always happy to help you.


Harsch Kumar Lall

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